तुम कभी सोचकर देखो
मेरे बारे में
तुम्हें मिलेगा
अपनापन
बिछी पलकें
समर्पित मन I
तुम कभी आज़माकर देखो
खुद को मेरी तरह
तुम्हें मिलेगा
तरसता सा
पिघलता सा
ढला जीवन I
तुम कभी सज़ाकर देखो
सपनों का महल
तुम्हें मिलेगा
सूना सा
खाली सा
यादों का खंडहर I
तुम कभी निभाकर देखो
इक तरफ़ा मोहब्बत
तुम पाओगे
ठोकर
ज़िल्लत
दुनिया का कहर I
तुम कभी पिलाकर देखो
दो घूँट जहर
तुम्हें मिलेगा
वही अपनापन
बिछी पलकें
समर्पित मन I
मेरे बारे में
तुम्हें मिलेगा
अपनापन
बिछी पलकें
समर्पित मन I
तुम कभी आज़माकर देखो
खुद को मेरी तरह
तुम्हें मिलेगा
तरसता सा
पिघलता सा
ढला जीवन I
तुम कभी सज़ाकर देखो
सपनों का महल
तुम्हें मिलेगा
सूना सा
खाली सा
यादों का खंडहर I
तुम कभी निभाकर देखो
इक तरफ़ा मोहब्बत
तुम पाओगे
ठोकर
ज़िल्लत
दुनिया का कहर I
तुम कभी पिलाकर देखो
दो घूँट जहर
तुम्हें मिलेगा
वही अपनापन
बिछी पलकें
समर्पित मन I
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