ऐ मीत मेरे सुन लो तुम भीI
नही मुझको अब जीना तुम बिनII
ये हृदय जो आया है तुम पर I
तो मुझको है मरना तुम बिनII
मॅन के इस मंदिर में मेरे
होती तेरी हर पल पूजा
क्यूँ रूठ गये तुम प्यार मेरे
ना है दिल का कोई दूजा
तुम आ जाओ मॅन के दर्पण I
दिल है रोता रहता तुम बिनII
दिल का गमों से रिश्ता जो
वो रिश्ता है मेरा तुमसे
तुम भूल गयी मुझको लेकिन
मैं जुड़ा तुम्हारी यादों से
फिर यकीं न हो शायद तुमकोI
मैं खुद से जुदा-जुदा तुम बिनII
तेरी निभाई रश्मों को
तेरे वादों तेरी कसमों को
मैं याद दिलाता हूँ तुझको
तेरे प्रेम भरे उन वचनों को
इस सर्द हवा के मौसम में I
हूँ घुट-घुट कर जीता तुम बिनII
इन आँखों से आँसू बनकर
गिर पड़ते हैं तेरे खत पर
मैं उन ज़ख़्मों को सिल न सकूँगा
जो तूने दे डाले दिल पर
अब जनम-जनम तक साथी मेरेI
जख्म ये भर न सकेंगे तुम बिनII
तेरी यादों का साया
अब मुझे सताया करता है
यदि मैं जागूं यदि मैं सोऊँ
मुझे बुलाया करता है
किससे कहूँ इस मॅन की बात I
अब किसे सुनाऊं मैं तुम बिनII
मॅन की पीड़ा तुम समझ ना पाई
छोड़ के मुझको हुई पराई
अब सोच के दिल ये रोता है
तुम संग क्यूँ यह प्रीति लगाई
जीवन की ये कड़वाहट I
अब दूऱ नही होती तुम बिनII
ये सितम वक़्त का है साथी
ना तुम दोषी ना दोष मेरा
जोगन बन गईं तुम बिन रातें
दर्द ने दिल में किया बसेरा
तेरे प्रेम से नश-नश सराबोर I
अब रहा नही जाता तुम बिनII
नही मुझको अब जीना तुम बिनII
ये हृदय जो आया है तुम पर I
तो मुझको है मरना तुम बिनII
मॅन के इस मंदिर में मेरे
होती तेरी हर पल पूजा
क्यूँ रूठ गये तुम प्यार मेरे
ना है दिल का कोई दूजा
तुम आ जाओ मॅन के दर्पण I
दिल है रोता रहता तुम बिनII
दिल का गमों से रिश्ता जो
वो रिश्ता है मेरा तुमसे
तुम भूल गयी मुझको लेकिन
मैं जुड़ा तुम्हारी यादों से
फिर यकीं न हो शायद तुमकोI
मैं खुद से जुदा-जुदा तुम बिनII
तेरी निभाई रश्मों को
तेरे वादों तेरी कसमों को
मैं याद दिलाता हूँ तुझको
तेरे प्रेम भरे उन वचनों को
इस सर्द हवा के मौसम में I
हूँ घुट-घुट कर जीता तुम बिनII
इन आँखों से आँसू बनकर
गिर पड़ते हैं तेरे खत पर
मैं उन ज़ख़्मों को सिल न सकूँगा
जो तूने दे डाले दिल पर
अब जनम-जनम तक साथी मेरेI
जख्म ये भर न सकेंगे तुम बिनII
तेरी यादों का साया
अब मुझे सताया करता है
यदि मैं जागूं यदि मैं सोऊँ
मुझे बुलाया करता है
किससे कहूँ इस मॅन की बात I
अब किसे सुनाऊं मैं तुम बिनII
मॅन की पीड़ा तुम समझ ना पाई
छोड़ के मुझको हुई पराई
अब सोच के दिल ये रोता है
तुम संग क्यूँ यह प्रीति लगाई
जीवन की ये कड़वाहट I
अब दूऱ नही होती तुम बिनII
ये सितम वक़्त का है साथी
ना तुम दोषी ना दोष मेरा
जोगन बन गईं तुम बिन रातें
दर्द ने दिल में किया बसेरा
तेरे प्रेम से नश-नश सराबोर I
अब रहा नही जाता तुम बिनII
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