दो घूँट जहर"

आँखों में बस जाओ तुम I
अब यूँ न मुझे तड़पाओ तुम II
दिल में प्रेम तुम्हारा है I
इक नाम इसे दे जाओ तुम II

ना ऐसे तुम तकरार करो
अब इश्क़ का तुम इकरार करो
कभी रंग न जिसका हो फीका I
वो प्यार मुझे दे जाओ तुम II

मैं शाम ढले सोचूँ तुमको
मैं सपनों में देखूं तुमको
हो जिसकी छवि न कभी धूमिल I
वो याद मुझे दे जाओ तुम II

कहीं गुजर ना जाए ये लम्हा
फिर रह जाएँ हम तुम तन्हा
वो पल आने से पहले I
"दो घूँट जहर" दे जाओ तुम II

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें