प्रेम की परिभाषा क्या है

प्रेम की परिभाषा क्या है,
आशा और निराशा क्या है।
मैं अब तक ये समझ सका ना,
इस जीवन की गाथा क्या है।


लोगों ने तो यह कह डाला
यह संसार है नाटकशाला
इसमें हम करते चरित्र क्यों,
इसका सही खुलासा क्या है।


दुःख में निकलते हैं आंसू क्यों
सुख में मिलता है सुकून क्यों
ना मैं जानूँ सबब क्या इनका,
आखिर यहाँ तमाशा क्या है।


आज गया तो कल भी होगा
इस उलझन का हल भी होगा
कोई मुझे बता दे इन पर,
छाया हुआ कुहासा क्या है।

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